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वीसीआर के नाम पर लुट रहें हैं छोटे उपभोक्ता

टारगेट पूरा करने के लिए बिना चोरी भर रहे हैं वीसीआर
बड़े चोरों पर कार्रवाई के नाम से कांपते हैं निगम अधिकारी
महेश खीचड़ । पहले सरकार विद्युत दरों में बढ़ोत्तरी कर आम विद्युत उपभोक्ताओं की कमर तोड़ चूकी है। और अब रही सही कसर पूरी कर रहे हैं निगम के छोटे से लेकर मोटे अधिकारी तक। आलीशान आफिसों में बैठकर मौज मार रहे इन अधिकारियों को मार्च माह में वीसीआर भरकर अपना टारगेट पूरा करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी है। इस बीच इन्हें दर्जनों विद्युत चोर नजर आते हैं मगर उन पर हाथ डालते इनके हाथ कांपने लग जाते हैं। ऐसी स्थिती में ये छोटे विद्युत उपभोक्ताओं को अपने कोप का शिकार बना रह हैं। इस बीच निगम अधिकारियों ने कई ऐसे लोगों की वीसीआर भर डाली है जिनका विद्युत चोरी से दूर-दूर तक का कोई संबंध नही है। अब ये विद्युत उपभोक्ता इन्हे ठीक करवाने के प्रयास में निगम अधिकारियों के बीच टप्पे खा रहे हैं। ऐसी ही स्थिती चल रही है शहर के सीएसडी प्रथम स्थित पावर हाउस में। शहर के बीचों बीच स्थित सीएसडी प्रथम में यहां बैठने वाले अधिकारी ताबड़तौड़ वीसीआर भरने में जुटे हुए हैं। मगर आफिस के सामने ही रही चोरी इन्हें दिखाई नहीं देती। 
सीएसडी प्रथम में मची है लूंट
शहर के बीचों बीच स्थित सीएसडी प्रथम में पिछले कुछ दिनों से एईएन व जेईएन ने निर्दोष लोगों के  के ताबड़तोड़ वीसीआर भर क्षेत्र में आतंक का माहौल पैदा कर रखा है।ये आधी रात को लोगों के घरों में घुसकर बिना चोरी ही वीसीआर भर रहे हैं। इस दौरान निगम के अधिकारी लोगों को डराने-धमकाने में भी पीछे नहीं है। निगम अधिकारियों की इसी कार्रवाई से लोग डरे हुए हैं कि कहीं बेवजह तो वीसीआर नहीं भर जाएं। हालांकि सीएसडी प्रथम के अधिकारी इस तरह की कार्रवाई होने की बात को नकार रहे हैं मगर ऐसे लोग इस बात का सबूत हैं जिनकी विद्युत चोरी की ये निगम अधिकारी पुष्टी नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में अधिकारी दिनभर लोगों को समझाते नजर आ रहे थे। 
कार्रवाई के नाम पर कांपते हैं अधिकारी
शहर में हो रही विद्युत चोरी पर गौर करें तो केवल सीएसडी प्रथम में ही दर्जनों ऐसे विद्युत चोर मिल जाएंगे जिनसे निगम के एर्ईएन और जेईएन मिले हुए हैं। इनको विद्युत चोरी के बारे में जानकारी भी है और ये उन विद्युत चोरों के रसूख को भी जानते हैं। ऐसे ही रसूखधारी लोगों के मामलों में टांग अड़ाने के प्रयास में यहां के एईएन को बांसवाड़ा का रास्ता दिखाया जा चुका है। ऐसे कुछ लोग तो विद्युत निगम के आस-पास ही स्थित है जो धड़ल्ले से विद्युत चोरी को अंजाम दे रहे हैं। 
दिनभर चक्कर लगाते रहे निर्दोष
सीएसडी प्रथम के उन क्षेत्रों जहां पर ग्रामीणी विद्युत सप्लाई हो रही है। उन उपभोक्ताओं का विद्युत बिल 2 हजार का आता था उनका बिल अचानक आठ हजार रुपए तक आ गया। ऐसे में उपभोक्ता बिलों की राशि कम करवाने के लिए निगम अधिकारियों के यहां चक्कर लगाते रहे। यहां पहुंच रहे पीडि़त लोगों को दो शब्दों में बिल कम नहीं होने का जवाब मिल रहा है। 
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